मेरा जुनून है जिन
आर्यन चैप्टर 13
अब तक आपने पढ़ा जीनी आर्यन को धोखे से घर बुलाती है आर्यन के पूछने पर की वो इतने साल कहाँ थी बताना शुरू करती है 11 साल पहले की कहानी जिसमें आरव उसको कहता है की वो उसे प्यार करने आया है और किस करके चला जाता है
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अब आगे
शाम के समय
कौशल्या जी, करमवीर जी, श्लोक जी ,और रंजना जी खाने की टेबल पर बैठे थे और उसी टेबल की बीच वाली कुर्सी पर एक करीब 75-80 साल का आदमी बैठ था
और उसी के बगल में रंधीर मित्तल और और उसके पिताजी बैठे थे
करमवीर जी थोड़ा हिचकिचाते हुए केहते हैं "बापूसा वो...मैं ये कह रहा था की ...आरव ने जीनी से शादी कर ली है"
उनका इतना कहना था की सब शॉक में उन्हें देखने लगते हैं,
तभी वो आदमी जिनका नाम धर्मवीर मित्तल था गुस्से में कहते हैं
"कैसी पागलो जैसी बात करे है छोरा ,वा 12 साल की छोरी और यो 15 साल का छोरा दोनो ही अलग दुनिया से हैं,
और तन्ने दोनों का व्याह करा दिया, मैं कोनी मानु हु यो शादी ने"
उनकी बात सुन आरव और जीनी जो चुप बैठे खाना खा रहे थे एक दूसरे को देखने लगते हैं
जीनी छोटी सी बच्ची उसे ऐसा लग रहा था जैसे कोई उसका खिलौना छीन रहा हो
वो बस आरव को देख रही थी वहीं आरव बस धर्मवीर जी को देख रहा था या यूँ कहें घूर रहा था
धर्मवीर जी खड़े होते हुए कहते हैं
"हम इस शादी को नहीं मानते करमवीर, इसलिए कल जीनी को हम विदेश भेज रहे हैं, और एक बात हमने अपनी सारी जयदाद जीनी के नाम कर दी है जब ये 24 साल की हो जायेगी ये इस रियासत की महारानी होंगी ये हमारा आखरी फैसला है"
उनकी बात सुन रंधीर और उसके पिता की आँखे गुस्से से लाल हो जाती हैं लेकिन दोनो खामोश थे
करमवीर जी उठते हुए कहते हैं "लेकिन बापुसा इसपर पहला अधिकार रणधीर भाईसा का है"
धर्मवीर जी एक नज़र रणधीर को देखते हैं फिर कहते हैं
"इस अय्याश को हम अपनी जयदाद नहीं दे सकते, पुरखों की मान मर्यादा और इज़्ज़त को हम ऐसे कोठो पर नीलाम होते नही देख सकते, और क्या भरोसा है इसका, जैसे इसने और इसके बाप ने अपनी लुगाई ने छोड़ दिया, इनकी कोई औलाद होगी भी"
फिर करमवीर को देखते हुए कहते हैं "अगर तुम्हारा कोई बेटा होता तो हम उसके नाम कर देते, लेकिन हमें ये रियासत जीनी के नाम करते हुए भी उतनी ही खुशी हुई है जितनी तुम्हारे बेटे के नाम करते हुए होती ,इसलिए हम ये शादी नहीं मानते, और जीनी की शादी आरव से नहीं हमारे दोस्त के पोते से होगी, ये हमारा आखरी फैसला है "
तभी आरव उठता है और गुस्से मे धर्मवीर जी को घूरते हुए कहता है
"जिन सिर्फ आपकी पोती नहीं है ,अब मेरी पत्नी है, और आप इस शादी को मानते हैं या नहीं मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता है जीन सिर्फ आरव की है सिर्फ और सिर्फ आरव की उसे मुझसे दूर कोई नहीं कर सकता"
और जिन का हाथ पकड़ लेता है और ले जाने लगता है
सबको लगा था जीनी उसे दूर होने की कोशिश करेगी लेकिन जीनी सर झुकाए बस उसके पीछे पीछे चल रही थी...
धर्मवीर जीनी को रोकते हुए कहते है "छोरी तु कठे जा रही से मैने कहा वापस आ"
जीनी एक नज़र अपने दद्दु को देखती है फिर आरव को फिर अपना सिर नीचे कर लेती है और धीरे से केहती है
"दादु आरु मेरे साथ गलत नहीं करता ,इसलिए वो जहाँ ले जायेगा मैं चली जाऊंगी, और माँ भी तो पापा के पीछे पीछे चलती हैं"
उसकी बात सुन आरव और जीनी के माँ पापा मुस्कुरा देते हैं
धर्मवीर जी गुस्से में तेज़ आवाज़ मे कहते हैं "श्लोक हम आपको आखरी बार समझा रहे हैं, रोकिये अपने बेटे को नहीं तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा"
श्लोक जी समझाते हुए कहते हैं " बापुसा आप वीर के बापू सा हैं इसलिए मैने आपको हमेशा बापुसा ही कहा है
आपका हर हुकम माना है, लेकिन जीनी आरव की मोहब्बत है, और परेशानी क्या है, हम खयाल रखेंगे जीनी का, उसे हमारे साथ जाने दीजिये , हम उसे नहीं रोक पाएंगे "
"लेकिन हम रोकेंगे" तभी रंधीर की गराजति हुई आवाज़ आती है
करमवीर समझाते हुए कहते हैं "भाईसा वो बच्चा है हम बात करते हैं"
लेकिन आरव गुस्से में चीखता है " मुझे समझाने की ज़रूरत नहीं है मैं जीनी को लेकर जाऊंगा, वो सिर्फ मेरी है"
आरव को ज़िद पर अड़ता देख धर्मवीर गुस्से मे कहते हैं
"ये छोटा सा छोरा हमसे बगावत करेगा"
आरव जीनी के हाथ पर अपनी पकड़ कसते हुए कहता है
"मैं जिन के लिए सारी दुनिया से बगावत कर सकता हूँ, भगवान से बगावत कर सकता हूँ,वो सिर्फ मेरी है ,सिर्फ और सिर्फ आरव खन्ना की, उसे मुझसे कोई अलग नहीं कर सकता"
श्लोक जी आरव के पास आते हैं और उसे समझाने की कोशिश करते हैं
"आरव बेटा अभी चलते हैं बाद में हम जीनी को लेने आयेंगे"
आरव थोड़ा मायूस होते हुए कहता है
"पापा अगर मैं इसे छोड़ कर गया, तो ये लोग जीन को विदेश भेज देंगे , और वो बहुत रोयेगी, मैं उसकी आँखो में आँसू नही देख सकता और वो मेरी जीन है तो बाद में क्यों हम अभी लेकर जायेंगे"
कौशल्या जी आरव को समझाते हुए केहती हैं "बेटा आप जाइये हम जीनी को कहीं नहीं जाने देंगे"
आरव धर्मवीर के करीब जाता है और हाथ आगे करते हुए कहता है
"वचन दीजिये दादू आप जिन को कहीं नहीं भेजेंगे"
धर्मवीर उसे गुस्से में घूरते हुए कहते हैं
"तु जाने है छोरे ,मैं इसकी शादी किसी राजघराने ने करवाउंगा थारे साथ कोनी, और अगर तु अठे से ना गया तो मैं थारे पुरे खानदान को यही दफन कर सकु हुँ"
आरव उनके आँखो मे आँखे डालते हुए कहता है
"मैं भी देखता हु मुझे जीन को ले जाने से कोन रोकता है"
करमवीर जी श्लोक जी से कहते हैं
"श्लोक अभी आरव को लेकर जा यहाँ से इसे पहले की बापू सा कोई गलत कदम उठाले"
श्लोक जी आरव को देखते हुए कहते हैं
"आरव के इश्क़ के इस जुनून को मैं नहीं रोक सकता हु वीर,एक छोटा सा बच्चा एक लड़की के लिए सबसे लड़ने को तैयार है
और तु खुद देख वो लड़की जीनी ,उसे रोक भी नहीं रही"
फिर कुछ सोचते हुए कहते हैं "एक ज्वालामुखी तो दूसरी बर्फीला पहाड़ है ,जाने क्या होगा इसका अंजाम"
रंजन जी आरव को जीनी से दूर कर देती हैं और उनके दूर करते ही जीनी रोने लगती है , उसे रोता देख आरव अपनी माँ से दुर होता है और जीनी को गले लगा लेता है, और समझाते हुए कहता है "तुम रो मत जीन, मैं तुम्हें ले जाऊँगा"
धर्मवीर गुस्से मे चिल्लाते हैं
"इस लड़के को और इसके माँ बाप को कालकोठरी में डालदो"
उनका इतना केहना था की रंधीर के आदमी श्लोक जी और रंजना जी को पकड़ लेते हैं
करमवीर जी जैसे ही उन्हे बचाने जाते हैं
रंधीर के आदमी उन्हें भी पकड़ लेते हैं
करमवीर जी रिक्वेस्ट करते हुए कहते हैं
"बापूसा वो बच्चा है, जाने दीजिये मैं आपके हाथ जोड़ता हूँ"
रंजन जी रोते हुए केहती हैं "प्लीज़ उन्हे जाने दीजिये हम आरव को लेकर दूर चले जायेंगे"
तभी आरव अपनी बुलंद आवाज़ मे कहता है
"मैं जीन को छोड़के कहीं नहीं जाऊंगा चाहे जो हो जाए"
रणधीर गुस्से मे उसकी तरफ बढ़ जाता है, तभी आरव कि नज़र दीवार पर टंगी तलवार पर जाती है आरव भाग कर जाके
टेबल पे चढ़कर वो तलवार निकाल लेता है और जीनी के सामने खड़ा हो जाता है
और गुस्से मे धर्मवीर जी को घूरते हुए कहता है "दादु पापा और अंकल दोनो से सिखा है मैने, अपनी पत्नी को साथ रखना उसे प्यार करना, और जीन सिर्फ पत्नी नहीं ज़िद है, मोहब्बत है आरव खन्ना की"
तभी एक आदमी आरव की तरफ बढ़ जाता है....
क्या आरव का जुनून उसकी जिंदगी को खतरे में डाल देगा? क्या आरव जीनी को अपने साथ ले जायेगा? रंधीर सारी प्रॉपर्टी हाँथ से जाते देख भी इतना खामोश क्यों है? क्या ये तूफान से पहले की शांति है?
क्या होने वाला है, जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी आर्यन इश्क़ की अनोखी दास्ताँ
कहानी कैसी लग रही है अपनी राय ज़रूर दें और कहानी पसंद आ रही है तो coin देकर सपोर्ट करें.......
वानी
Swati chourasia
07-May-2023 09:54 PM
बहुत ही बेहतरीन लग रही है कहानी 👌👌
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